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Pi Network Vs Bitcoin comparison | Bitcoin Vs Pi |पाई और बिटकॉइन की तुलना

Pi Network Vs Bitcoin comparison | Bitcoin Vs Pi | पाई और बिटकॉइन की तुलना  

Pi Network Vs Bitcoin comparison | Bitcoin Vs Pi |पाई और बिटकॉइन की तुलना


पाई वर्सिस बिटकॉइन , दोस्तों इस article में पाई और बिटकॉइन की तुलना करेंगे जो की मंगल और चंद्र की तुलना करने जैसा काल्पनिक प्रयास है। ये  सिर्फ मनोरंजन हेतु हे, कृपा करके इसे गंभीरता से दिल पर न लें। जिन भाईओं और बहेनों ने बिटकॉइन खरीद कर नुकसान किया है उन सबके लिए हर हिंदुस्तानी की यही प्रार्थना होगी की उनका पैसा टेक्स निकाल कर उनको वापिस मिल जाएं। और उनका जीवन मंगलमय हों। पाई मंगल जैसा है और बिटकॉइन चंद्र जैसा। इंसान पहले चाँद तक पहुंचा फिर मंगल पर। चाँद के वातावरणकी कुछ खामियां की वजह से उस पर रहना और घर ग्रहस्ती बसाना मुश्किल लगा वरना अब तक चाँद पर वर्ल्ड कप का आयोजन भी हो जाता। उसी प्रकार बिटकॉइन की खोज हो जाने के कुछ साल बाद खामियां होने के बावजूद भी वो  सोने की लगड़ी जैसा महँगा हो गया हे। उसे पैसों से ले तो सकते हैं पर उसी बिटकॉइन से गुड्स और सर्विसिस कब तक ले सकेंगे वो कह नहीं सकते। इसलिए बिटकॉइन से इकोसिस्टम अभीतक मजबूत नहीं हुई है ऐसा कह सकते हैं।

दुनिया में सभी देशों में महंगाई, बेरोजगारी और युद्ध की स्थिति होते हुए भी बिटकॉइन के भाव में पम्प आता है और उसके भाव बढ़ते हैं इसका साफ़ अर्थ है की कुछ व्हेल्स यानि बड़े बड़े अमीर बिज़नेसमेन इसके साथ खेल खेलते रहते हैं। एक तरफ महंगाई बढ़ती जाती है और बेरोजगारी भी। उसमें ये बिटकॉइन खरीदने के पैसे निकालना और ऊपर से उसपर लगे हुए टेक्स का बोज - इंसान के मन के तरंगोको नियंत्रित कर देता है।

इसी लिए चंद्र के आगे मंगल की खोज हुई और उस पर जीवन संभावना हो सकती है ऐसा लगने लगा दूसरे शब्दों में कहें तो पाई का जन्म उचित समय पर हुआ। और तीन  साल तक लगातार महेनत और धैर्य से अब कुछ होने की उम्मीद जगी है। पाई वॉलेट में आते ही लोगों ने बार्टर सिस्टम से गुड्स और सर्विसिस लेना शुरू कर दिया है। गोल्ड, बाइक, सीमेंट, मोबाईल, म्यूसिक सिस्टम, पर्स, कॉस्मेटिक्स, चावल, फ़ास्ट फ़ूड, रेस्टोरेंट का खाना, पीना, दवाइयां पाई के बदले में मिलना शुरू हो गई है यहां तक की हेर कटिंग सलून वाले भी पाई के बदले में अच्छी हेर स्टाइल बना कर देने लगे हैं और इन सब की पोस्ट ट्विटर पर या फेसबुक पर देखने को मिलती है। बिटकॉइन से अभी तक ऐसी लहर देखने नहीं मिली है इतने सालों बाद भी।

तो ऐसा क्यों, भाई पाई में ऐसा क्या है जो लोग इसके पीछे पागल और दीवाने हैं। और बिटकॉइनवा में का कमियां है। आइए इसकी तुलना करते हैं और अपने मन की समज शक्ति के अनुसार आसान भाषा में जानने का प्रयत्न करते हैं। पर याद रहे ये दोनों महान है और काम के हैं। जैसे ब्रह्माण्ड में असंख्य सितारें हैं उसी तरह इन दोनों के आलावा और भी बहोत सारे क्रिप्टो और ब्लॉकचेन बन रहे हैं जिसके पीछे कई सॉफ्टवेर इंजीनीर महेनत कर रहे हैं।

आइए अभी बिटकॉइन और पाई के बारे में कुछ पॉइंट्स देखते हैं। बिटकॉइन प्रूफ ऑफ़ वर्क के सिद्धांत पर काम करता है यानी ट्रांसेक्शन वेरिफिकेशन की एक जटिल पज़ल सॉल्व करने पर बिटकॉइन रिवॉर्ड मिलते हैं। और पाई स्टेलर कनसेन्सस प्रोटोकॉल पर काम करता है यानी पाई से जुड़े हुए नॉड्स ३ से ५ लोगों का सिक्यूरीटी सर्कल बनाते हैं और वोटिंग करके स्वीकृति करने पर पाई के रिवॉर्ड्स मिलते हैं। दोनो में लेनदेन का रेकॉर्ड चेक करके अनुमति देने पर रिवॉर्ड्स  मिलते हैं।

बिटकॉइन बनाने के लिए अच्छा पावरफुल कोम्प्युटर, ग्राफिक्स कार्ड या असिक माइनर चाहिए। और पाई बनाने के लिए सिर्फ एक मोबाईल। इसलिए बिटकॉइन ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी खर्च करता है और पाई बनाने के लिए कम इलेक्ट्रिसिटी लगती है। पर इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग जरूर होता है ऐसा नहीं की बिलकुल नहीं होता।

आगे हैं स्लो ट्रांसेक्शन यानी बिटकॉइन की लेनदेन का ट्रांसेक्शन करने में १० मिनट से १ घंटे का समय लगता है ये उस नॉड्स पर आधार हे जो इस ट्रांसेक्शन को अप्रूवल देते हैं। पाई का ट्रांसेक्शन बिटकॉइन के मुकाबले फ़ास्ट है। बिटकॉइन का ट्रेडिंग करने के लिए प्रोसेस कॉम्प्लेक्स है यानी किसी एक्सचेंज पर पैसों से पहले युएसडिटी क्रिप्टो खरीदने  बाद उस युएसडिटी से बिटकॉइन खरीदना पड़ता है। और ट्रेडिंग करके जब प्रॉफिट निकाल ना होता है तो बिटकॉइन से वापिस युएसडिटी और फिर रूपये में कन्वर्शन होता है और उस एक्सचेंज से बैंक एकाउन्ट में पैसा लाने के लिए एक्सचेंज के ब्रोकरेज चार्जिस लगते हैं। और जो प्रॉफिट हुआ उसका ३०% टेक्स भी अभी देना रहता है। पाई में अभी ट्रेडिंग शुरू नहीं हुई है पर अभी जिस तरीके से ये काम करता है उस तरह से देखा जाए तो इसके लिए भी कुछ आसान प्रक्रिया बनने की संभावना लग सकती है। बिटकॉइन का अभी तक कोई ब्राउज़र नहीं बना है और ना ही btc:// करके कोई प्रोटोकॉल बना है।  पर पाई का ब्राउज़र मौजूद है जो गूगल के प्ले स्टोर की तरह बनता हुआ दिखाई देता है । और पाई:// का अलग से प्रोटोकॉल बनाया हुआ हे।

बिटकॉइन रखने के लिए वॉलेट के बहोत सारे ऑप्शन है जो की एक तरह अच्छी बात हे पर इंसान कन्फ्यूज होता है की कौनसा अच्छा है और सच्चा है। कुछ वॉलेट के तो चार्जिस भी होते हैं। और हार्डवेर वॉलेट महंगे होते हैं। पाई में तो उसका दिया हुआ ही वॉलेट है जो भरोसेमंद लग रहा है। बिटकॉइन खरीद कर किसी पराये एक्सचेंज या वॉलेट में रखना पड़ता है और वो एक्सचेंज बंध हो जाए तो आपके बिटकॉइन गए समजो। पर पाई तो अपने निजी बटुए में अपने पास ही रहते हैं ये एक अच्छा पॉइंट है। बिटकॉइन का माइनिंग महँगा पड़ता है क्योंकि पावरफुल कम्प्यूटर या ग्राफिक्स कार्ड के लिए कम से कम एक लाख Rupees का बजट होना जरूरी है और ऊपर से बिजली का बिल । ये सब निकाल के कुछ बिटकॉइन मिलते भी हैं तो उसकी प्राइस ऊपर निचे होती रहती है। तो उसका भी ध्यान रखना पड़ता है। पर पाई का माइनिंग सिर्फ मोबाईल से भी किया जा सकता है जिसमें न बिजली का खर्च और न प्राइस की चिंता। क्योंकि इसमें एक पैसा भी इन्वेस्ट नहीं किया होता है , बिलकुल फ्री में पाई का माइनिंग होता है । बिटकॉइन माइनिंग करने में उसका सॉफ्टवेर या कुछ टेक्नीकल ज्ञान जरूरी होता है , पर पाई के माइनिंग में ऐसा कुछ टेक्नीकल ज्ञान ना हों तो भी चलता है। यानि गरीब इंसान और कम पढ़ा लिखा इंसान भी पाई जैसी क्रिप्टो करंसी सिर्फ मोबाईल से फ्री में बना सकता है। इसलिए दोस्तों अभी भी पाई नेटवर्क में नहीं जुड़े हैं तो पूरी जानकारी के लिए इस मेटामित्र चैनल पर पाई के वीडियो शुरू से देख सकते हैं।

आगे हैं बिटकॉइन एक बेशकीमती हिरा जैसा है इसलिए इसको आपसे छीनने के लिए दुनिया में बहोत स्केमर्स हैं और इसका रिस्क भी अभी ज्यादा है। यानि आप के बिटकॉइन आपसे छीनने के लिए बहोत लुटेरे हैं जो जाल बिछाए शिकार के लिए तैयार बैठे हैं। पाई में अभी उसकी तुलना में न के बराबर कम स्केमर्स है। बिटकॉइन की ख़रीदकीमत बहोत बहोत ज्यादा है। और पाई को अभी खरीद नहीं सकते पर फ्री में बनाकर जरूर रख सकते हैं।क्रिप्टो बाजार में बड़ी मछलियां यानि व्हेल्स बिटकॉइन की कीमत के साथ खेलती रहती हैं जिसमें छोटा इन्वेस्टर धोखा खाकर नुकशान कर सकता है। अभी पाई में उसके कन्सेप्ट की वजह से ऐसी व्हेल्स की कोई संभावना ही नहीं है।

आगे देखते हैं - दुनिया में अभी तक बिटकॉइन मोल देखने को नहीं मिला है चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। बिटकॉइन से आम इंसान आसानी से गुड्स और सर्विसिस अभी तक नहीं ले सकता है। पर पाई की तो इस पॉइंट में बात ही निराली है। अभी दो दिन पहले ही पाई की SDK (System Development Kit) लॉन्च हो जाने के बाद पाई चेन मोल की संभावना दिखने लगी हैं। इस पोस्ट में कहा हे की पाई के बदले में गुड्स बेचने के लिए 400 से ज्यादा मर्चंट्स ऑनलाइन मोल में रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। एक और भी खबर है की पाई टेक्सी सर्विस भी आने वाली है जब की बिटकॉइन टेक्सी अभी तक नहीं सुनी गई है।

ऑनलाइन वेबिनार में बिटकॉइन से पेमेंट हो सके ऐसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं बना हे पर पाई से ऐसे वेबिनार में पहला पेमेंट ट्रांसेक्शन हो चूका है। यानि कोई अपना वीडियो या प्रेसेंटेशन इस वेबिनार में रखें तो पायोनियर्स पाई से पेमेंट करके वो वीडियो देख सकते हैं। ये एक तरह से यु ट्यूब की प्रीमियम सर्विस जैसा कॉन्सेप्ट लग रहा है।

पाई की कीमत अगर 1डॉलर से 100डॉलर भी हुई तो पैसे मिलने की लालच में सब पायोनियर्स कुछ ही महीनों में सारे पाई खर्च करके अपना वॉलेट खाली कर सकते हैं । और अमीर बिज़नेस मेन बहोत सारे पाई खरीद कर अपनी मर्जी से क्रिप्टो मार्किट में पम्प और डम्प की गेम खेल सकते हैं । जैसा अभी बिटकॉइन की प्राइज़ में देखने को मिल रहा है । इसलिए पाई को दूसरा बिटकॉइन नहीं बनाना है जो - कुछ लोगों की कठपुतली बन कर रह जाएं। और लूना क्रिप्टो करंसी में जो हुआ उसके बाद तो लोगों को 80 परसेंट से ज्यादा क्रिप्टो पे भरोसा ही नहीं रहा है ।

पूरी दुनिया में पाई की एक कीमत हो सके इस लिए किसी एक्सचेंज पर इसका लिस्टिंग करना पड़ सकता है। पर तब भी यहाँ व्हेल्स के हाथ में उसका कंट्रोल नहीं होगा की जब चाहा उछाल दिया और जब चाहा गिरा दिया। व्हेल्स करोड़ों पाई एकसाथ खरीद ना सकें इसलिए इसकी कीमत ३लाख डॉलर हो वो ही अच्छा है। पाई की कोर टीम ने पहले से ही ये सब क्या गजब से सोच कर रखा है ये सच में क़ाबिले तारीफ की बात है। एक ओर ज्यादातर पाई लोक होंगे और धीरे धीरे माइनिंग भी चलता रहेगा , तो दूसरी ओर KYC process के बाद माइग्रेशन भी चलता रहेगा। उसमें भी १४ दिन के समय का अंतराल होगा। जिससे पाई की सच्ची कीमतें कंट्रोल में रह सकें।

 Bitcoin is Energy. Energy has price. Pi is time. Time is Priceless.

पीआई में पेमेन्ट सिस्टम फ़ास्ट है और ट्रांसेक्शन फीस भी दूसरे क्रिप्टो की तुलना में बेहद कम हैं वो उसका एडवांटेज है । क्रिप्टो पेमेंट इंडस्ट्री के भविष्य में ये पॉइंट बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसके अलावा, पाई के उपयोगकर्ता दोसों से ज्यादा देशों में ऑलरेडी है और पाई की व्यापक सुविधाओं की वजह से कई कंपनियां पाई नेटवर्क को पूरी तरह से सहयोग करेंगी। ऐसे चक्र गतिमान होने लगे हैं इस SDK के लॉन्च होने के बाद । सिर्फ बिटकॉइन ही नहीं - .. पाई जैसे या उसके मिलते जुलते कंसेप्ट पर आधारित दूसरे लाइट कोइन भी बहोत हैं इनमें से कुछ हैं,  BEE Network, One Network, Antic Network, Star Network, BISHOUMA, ALPHA, BTC SATOSHI, KOO coin, HATHOR, CHEATMOON, Pi KU, Punk Panda, Gami token, Sidra coin, Eagle, Lovely, Primal, Leo, La Token, BillG, BCL , Fox coin, TC coin, Arise, Arya, Mog Network . वगैरा वगैरा. पर उसके sdk से अभी तक दुनिया के व्यापारी या कंपनियोंने कोई ऑनलाइन मोल बनाने का नहीं सोचा है जिससे आम इंसान गुड्स और सर्विसिस ले सकें। ये सब उनकी मान्यताओं और संदेह पर निर्भर करता है।

दोस्तों एक पोस्ट ऐसी भी देखि गई है की जिसमें संदेह किया गया है इसकी ये $314159 प्राइज को लेकर। शायद ऐसे बहोत लोग हैं जो सोचते हैं की 1 दिन में अगर एक पाई बनता है तो दो दिन में दो पाई बनेंगे यानी दो ही दिन में आप सीधे पांच करोड़ रूपये कमा लेंगे - क्या ये पॉसिबल लगता है? तो भाई लगता तो नहीं हे पर अच्छा भी लगता है ये सोच कर की हमने तो बीज बो कर रख लिया है पर जिन्होंने अभी तक बीज बोया ही नहीं उनको तो पाई की कोई भी प्राइज़ का फल - नहीं मिलेगा |

तो सभी इंसान अपने मन से और अपने जीवन में हुए विविध अच्छे या बुरे अनुभवों के आधार से मान्यताएं बनाते हैं उसमें कोई गलत बात नहीं है पर उन मान्यताओं को मिटाता हे ज्ञान। यानी ज्ञान का सच्चा प्रकाश उन सभी बुरी मान्यताओं से मुक्त करवाता है और जीवन में आगे प्रगति भी करवाता है इसलिए हररोज नया नया जानते रहें और मस्त रहें। मेटा मित्र से जुड़े रहें। मेरा मित्र मेटा मित्र। जयहिंद जय भारत।




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